शब्द का अर्थ
|
चारा :
|
पुं० [हिं० चरना] १. गाय, बैल आदि पशुओं के खाने के लिए दी जानेवाली, पत्ती, घास, आदि। २. चिड़ियों, मछलियों आदि को फँसाने अथवा जीवित रखने के लिए खिलाई जाने वाली वस्तु। ३.निकृष्ट भोजन। (व्यंग्य) ४. लाक्षणिक अर्थ में, किसी को फँसाने अथवा अपना काम निकालने के लिए दूसरों को दिया जानेवाला प्रलोभन। क्रि० प्र०–डालना।–फेंकना। पुं० [फा० चारः] १. इलाज। २. उपाय। ३. युक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चाराजोई :
|
स्त्री० [फा०] दूसरे से पँहुची हुई या पँहुचनेवाली हानि के प्रतिकार या बचाव के लिए न्यायालय या हाकिम से की जानेनाली याचना। नालिश। फरियाद। जैसे–अदालत से चाराजोई करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चारातंरित :
|
पुं० [सं० चार-अंतरित तृ० त०] गुप्तचर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चारायण :
|
पुं० [सं० चर+फक्-आयन] काम-शास्त्र के एक आचार्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चारासाज :
|
वि० [फा० चारः साज] [भाव० चारासाजी] विपत्ति के समय सहायता देकर दूसरे का काम बनानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |