| शब्द का अर्थ | 
					
				| कौतुक					 : | पुं० [सं० कुतुक+अण्] [वि० कौतुकी] १. ऐसी अद्भुत या विलक्षण बात, जिसे देखकर आर्श्चय भी हो और जिसे जानने के लिए उत्सुकता भी हो। २. अचंभा। आश्चर्य। ३. मन-बहलाव दिल्लगी। विनोद। ४. उक्त से प्राप्त होनेवाला आन्नद या प्रसन्नता। ५. खेल-तमाशा और उससे मिलनेवाला मजा। ६. विवाह से पहले हाथ में पहना जानेवाला मांगलिक सूत्र। कंगन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कौतुकित					 : | भू० कृ० [सं० कौतुक+इतच्] जिसे कौतुक हुआ हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कौतुकिया					 : | पुं० [हिं० कौतुक+इया (प्रत्य०)] १. अनेक प्रकार के कौतुक, खेल-तमाशे या हँसी-मजाक करने वाला। २. वह जिसका काम विवाह-संबंध स्थिर करना हो। जैसे—नाई, ब्राह्मण आदि। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कौतुकी (किन्)					 : | वि० [सं० कौतुक+इनि] १. कौतुक करनेवाला। विनोदशील। २. खेल-तमाशे दिखानेवाला। ३. विवाह संबध स्थिर करनेवाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |