| शब्द का अर्थ | 
					
				| कलिंद					 : | पुं० [सं० कलि√दा (देना)+खच्, मुम्] १. सूर्य। २. हिमालय की वह चोटी जिससे यमुना नदी निकलती है। ३. तरबूज। ४. बहेड़ा। | 
			
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				| कलिंद-तनया					 : | स्त्री० [सं० ष० त०]=कलिंदजा। | 
			
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				| कलिंदजा					 : | स्त्री० [सं० कलिंद√जन् (पैदा होना)+ड—टाप्] कलिंग पर्वत की पुत्री अर्थात् उससे निकली हुई युमना नदी। | 
			
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				| कलिंदी					 : | स्त्री०=कालिंदी (युमना नदी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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