शब्द का अर्थ
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अमार :
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पुं० [फा० अंबार] अन्न रखने का खत्ता। बखार। पुं०=अमड़ा। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अमारग :
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पुं०=अमार्ग।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अमारी :
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स्त्री० [सं० अमात] १. आमड़ा नामक वृक्ष। २. आमड़े का फल। स्त्री० =अंवारी (हाथी पर की हौदी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अमार्ग :
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पुं० [सं० न० त०] १. अनुचित, निंदनीय या बुरा मार्ग। कु-मार्ग। २. निंदनीय आचरण। बुरा चाल-चलन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अमार्जित :
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वि० [सं० न० त०] १. जिसका मार्जन अर्थात् सुधार या संस्कार न हुआ हो। गंदा, भद्दा या अनगढ़। २. (व्यक्ति) जिसने मार्जन न किया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अमार्ज्य :
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वि० [सं० √मृज्(शुद्धि)+ण्यत्, न० त०] १. जिसका मार्जन न हो सके। २. जिसका मार्जन करना उचित न हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |