उपयोगी हिंदी व्याकरण
A PHP Error was encounteredSeverity: Notice Message: Undefined index: author_hindi Filename: views/read_books.php Line Number: 21 |
निःशुल्क ई-पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण |
हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
(4) रचना की दृष्टि से
रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं — (1) रूढ़, (2) यौगिक और (3)
योगरूढ़।
(1) रूढ़: जिन शब्दों के सार्थक खंड न हो सकें (अर्थात् खंड करें तो
वे ऐसे नहीं होंगे कि उनका स्वतंत्र अर्थ हो) और जो अन्य शब्दों के मेल से न
बने हों, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं, जैसे दिन, घ़र, किताब, मुँह आदि।
(2) यौगिक: यौगिक शब्द वे हैं जिनमें रूढ़ शब्द के अतिरिक्त एक
शब्दांश (प्रत्यय, उपसर्ग) या एक अन्य रूढ़ शब्द अवश्य होता है अर्थात् दो
अंशों के जोड़ने से बना है, जिनमें एक अवश्यमेव रूढ़ है; जैसे — नमकीन (नमक
रूढ़ और ‘ईन’ ‘प्रत्यय’), घुड़साल (घोड़ा रूढ़ का एक रूप घुड़) और (शाला)
रूढ़ का एक रूप साल। अन्य उदाहरण हैं — बुढ़ापा, नम्रता, पुस्तकालय,
प्रधानमंत्री।
(3) योगरूढ़ और समास रूढ़: जिन यौगिक शब्दों का एक रूढ़ अर्थ हो गया
है और अपने विशिष्ट अर्थ में प्रयोग होने लगा है, वो योगरूढ़ कहे जाते हैं।
उदाहरण के लिए पंकज एक यौगिक शब्द है — इसमें एक रूढ़ शब्द पंक(कीचड़) और
प्रत्यय-ज (से उत्पन्न) हुआ है। इस यौगिक शब्द मेका सामान्य अर्थ वह वस्तु है
जो कीचड़ से पैदा हुई है, जैसे, कमल, शंख, मछली आदि। किंतु इसका सामान्य अर्थ
न होकर विशिष्ट अर्थ कमल हो गया है। अपने विशिष्ट अर्थ में रूढ़ हो जाने के
कारण यह योगरूढ़ है।
समास से बने यौगिकों में भी ऐसा होता है। पीतांबर समास में दो रूढ़ शब्द हैं
— पीत (पीला), अंबर(कपड़ा)। इसका बहुब्रीहि समास वाला अर्थ है पीला है
कपड़ा जिसका, किंतु यदि विनोद और और ओमप्रकाश पीले कपड़े पहने हैं तो उसे
पीतांबर नहीं कहेंगे, क्योंकि समास कृष्ण या विष्णु के अर्थ में रूढ़ हो गया
है तथा समास रूढ़ बन गया है।
To give your reviews on this book, Please Login