उपयोगी हिंदी व्याकरण
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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
उच्चारण संबंधी अशुद्धियाँ और उनका निराकरण
शुद्ध भाषा लिखने-पढ़ने में शुद्ध उच्चारण का बड़ा महत्व है। हिंदी के संदर्भ में तो यह कथन और भी सत्य है, क्योंकि हिंदी ध्वन्यात्मक या नादानुगामिनी भाषा है। हिंदी में वर्तनी की जो अनेक अशुद्धियाँ दिखाई देती हैं उसका एक प्रधान कारण अशुद्ध उच्चारण है।
नीचे उन शब्दों के उदाहरण दिये जाते हैं, जिनके उच्चारण में सामान्यतः अशुद्धियाँ होती हैं -
1. ह्रस्व स्वर के स्थान पर दीर्ध तथा दीर्घ स्वर के स्थान पर ह्रस्व
| अशुद्ध | शुद्ध | |
| (क) | आधीन | अधीन |
| आजकाल | आजकल | |
| दावात | दवात | |
| दावात | दावत | |
| हस्ताक्षेप | हस्तक्षेप | |
| (ख) | अहार | आहार |
| चहिए | चाहिए | |
| नराज | नाराज | |
| परलौकिक | पारलौकिक | |
| (ग) | बुद्धी | बुद्धि |
| मुनी | मुनि | |
| कवी | कवि | |
| व्यक्ती | व्यक्ति | |
| क्योंकी | क्योंकि | |
| अतिथी | अतिथि | |
| पूर्ती | पूर्ति | |
| पुष्टी | पुष्टि | |
| हानी | हानि | |
| (घ) | आर्शीवाद | आशीर्वाद |
| पिताबंर | पीतांबर | |
| निरसता | नीरसता | |
| बिमारी | बीमारी | |
| निरोग | नीरोग | |
| दिक्षा | दीक्षा | |
| (ङ) | सुराख | सूराख |
| शुन्य | शून्य | |
| पुज्य | पूज्य | |
| पुर्ण | पूर्ण | |
| (च) | मधू | मधु |
| साधू | साधु | |
| पटू | पटु | |
| प्रभू | प्रभु | |
| दयालू | दयालु | |
| कृपालू | कृपालु | |
| पशू | पशु | |
| शिशू | शिशु |
नासिका व्यंजन की अशुद्धियाँ
| (क) | गँड़ेश | गणेश |
| गड़ना | गणना | |
| रँड़भूमि | रणभूमि | |
| शरड़ | शरण | |
| गुड़ | गुण | |
| रामायड़ | रामायण | |
| टिप्पड़ी | टिप्पणी | |
| गनेश | गणेश | |
| रनभूमि | रणभूमि | |
| शरन | शरण | |
| रामायन | रामायण | |
| टिप्पनी | टिप्पणी | |
| किरन | किरण | |
| प्रान | प्राण |
3. र, ल, ड़ के उच्चारण में अशुद्धियाँ:
| उजारना | उजाड़ना | |
| लराई | लड़ाई |
4. व और ब की अशुद्धियाँ:
| पूर्ब | पूर्व | |
| बन | वन | |
| बनस्पित | वनस्पति | |
| बिष | विष | |
| बैदेही | वैदेही | |
| बाणी | वाणी | |
| बृष्टि | वृष्टि | |
| बर्षा | वर्षा |
5. श, ष तथा स की अशुद्धियाँ
| (क) | असोक | अशोक |
| साखा | शाखा | |
| आदर्स | आदर्श | |
| विस्वास | विश्वास | |
| प्रसंसा | प्रशंसा | |
| सासन | शासन | |
| (ग) | सूर्पणखा | शूर्पणखा |
| नास | नाश | |
| सर्म | शर्म | |
| देस | देश | |
| सक्ति | शक्ति | |
| साम | शाम | |
| साम | सायं | |
| (ख) | अमावश्या | अमावस्या |
| शंकट | संकट | |
| प्रशाद | प्रसाद | |
| नमश्कार | नमस्कार | |
| शुशोभित | सुशोभित | |
| शारांश | सारांश | |
| शाशन | सारांश | |
| कस्ट या कश्ट | कष्ट | |
| रास्ट्र | राष्ट्र | |
| पुस्प या पुश्प | पुष्प | |
| भविश्य या भविस्य | भविष्य |
6. ट के स्थान पर ठ, अथवा ठ के स्थान पर ट
| संतुष्ठ | संतुष्ट | |
| श्लिष्ठ | श्लिष्ट | |
| विशिष्ठ | विशिष्ट | |
| निष्टा | निष्ठा | |
| मिष्ठान्न | मिष्टान्न | |
| अभीष्ठ | अभीष्ट |
7. क्ष के स्थान पर छ
| छमा | क्षमा | |
| छुद्र | क्षुद्र | |
| छेम | क्षेम | |
| छेत्र | क्षेत्र | |
| दीछा | दीक्षा | |
| नछत्र | नक्षत्र | |
| लक्ष्छण | लक्षण | |
| विपछ | विपक्ष | |
| शिक्ष्छा | शिक्षा | |
| कछा | कक्षा |
8. ऋ के स्थान पर र
| श्रंगार | शृंगार | |
| किरपा | कृपा | |
| प्रथक | पृथक | |
| रिषि | ऋषि | |
| ग्रहस्थ | गृहस्थ | |
| ग्रहीत | गृहीत |
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