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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
अध्याय 15
वाक्य रचना की अशुद्धियाँ
वाक्य रचना की अशुद्धियाँ निम्नलिखित प्रकार की हो सकती हैं –
1. अन्विति संबंधी
2. पदक्रम संबंधी
3. वाच्य संबंधी
अन्विति के नियम
वाक्य के पदों की परस्पर एकरूपता (लिंग, वचन, पुरुष आदि) के साथ क्रिया की
भी अनुरूपता होनी चाहिए। हिंदी में पदों की अन्विति के कुछ विशेष नियम हैं –
(क) कर्ता क्रिया
1. विभक्ति रहित कर्ता वाले वाक्य की क्रिया सदा कर्ता के अनुसार होती है।
यदि कर्ता के साथ ने विभक्ति जुड़ी हो तो सकर्मक क्रिया कर्म के
लिंग वचन के अनुसार होती है। जैसे –
लड़का पुस्तक पढ़ता है। (कर्ता के अनुसार)
लड़की पुस्तक पढ़ती है। (कर्ता के अनुसार)
लड़के ने पुस्तक पढ़ी। (कर्म के अनुसार)
लड़की ने पत्र पढ़ा। (कर्म के अनुसार)
2. कर्ता और कर्म दोनों विभक्ति सहित हों तो क्रिया पुंलिंग एकवचन में होती
है। जैसे –
प्रधानाचार्य ने अध्यापिका को बुलाया।
नेताओं ने किसानों को समझाया
3. समान लिंग के विभक्ति रहित अनेक कर्ता पद और जुड़े हों तो क्रिया उसी लिंग
में बहुवचन में होती है। जैसे – स्वाति, चित्रा और मधु आएँगी।
कमल, नीरज और मधुकांत खेल रहे हैं।
4. या से जुड़े विभक्ति रहित कर्ता पदों की क्रिया अंतिम कर्ता के अनुसार
होती है। जैसे – भाई या बहन आएगी।
5. विभिन्न लिंगों के अनेक कर्ता यदि और से जुड़े हों तो क्रिया
पुंलिग बहुवचन से होती है। जैसे –
गणतंत्र दिवस परेड को लाखों बालक, वृद्ध, नर और नारी देख रहे थे।
6. यदि कर्ता भिन्न-भिन्न पुरुषों के हों तो उनका क्रम होगा – पहले मध्यम
पुरुष, फिर अन्य पुरुष और अंत में उत्तम पुरुष। क्रिया अंतिम कर्ता के लिंग
के अनुसार बहुवचन में होगी। जैसे –
तुम, सीता और मैं नाटक देखने चलेंगी।
तुम, रमेश और मैं टेनिस खेलेंगे।
7. कर्ता का लिंग अज्ञात हो तो क्रिया पुंलिंग में होगी। जैसे – देखो कौन आया
है?
तुम्हारा पालन-पोषण कौन करता है?
8. आदर देने के लिए एकवचन कार्यकर्ता के लिए क्रिया बहुवचन में प्रयुक्त होती
है। जैसे – प्रधानमंत्री भाषण दे रहे हैं।
महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता माने जाते हैं।
9. संबंध कारक का लिंग उसके संबंधी के लिंग के अनुसार होता है – यदि ये रूप
भिन्न-भिन्न लोगों के हों तथा और से जुड़े हों तो संज्ञा-सर्वनाम
का संबंध कारक लिंग प्रथम संबंधी के अनुसार होगा। जैसे –
मेरा बेटा और बेटी नैनीताल गये हैं।
तुम्हारी बहन और भाई आजकल क्या कर रहे हैं?
मेरे भाई-बहन पढ़ रहे हैं।
(ख) विशेष्य और विशेषण की अन्विति
1. विशेषण का लिंग-वचन अपने विशेष्य के अनुसार होता है। जैसे –
यहाँ उदार और परिश्रमी लोग रहते हैं।
गोरे मुख पर काला तिल अच्छा लगता है।
2. यदि एक से अधिक विशेष्य हों तब भी उपर्युक्त नियम का ही पालन होता है।
जैसे – वह गिरती उठती बड़ी-बड़ी लहरों को निहारती रही।
3. अनेक समास रहित विशेष्यों का विशेषण निकटवर्ती विशेष्य के अनुरूप होता है।
जैसे –
भोले-भाले बालक और बालिकाएँ
भोली-भाली बालिकाएँ और बालक
(ग) सर्वनाम और संज्ञा की अन्विति
1. सर्वनाम उसी संज्ञा के लिंग वचन का अनुसरण करता है जिसके स्थान पर आया है।
मैंने सीता को देखा, वह आ रही थी।
मैंने सतीश को देखा, वह आ रहा था।
2. आदर के लिए बहुवचन सर्वनाम का प्रयोग होता है –
चाचा जी आए हैं।
वे एक सप्ताह रुकेंगे।
3. वर्ग का प्रतिनिधि अपने लिए मैं के स्थान पर हम का प्रयोग करता है –
मंत्री ने कहा हमें अपने देश से अशिक्षा दूर करनी है।
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