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उपयोगी हिंदी व्याकरण

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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक


परसर्ग “से” (अपादान कारकीय)

1. अपादान (जिससे अलग हुए हैं) के साथ: पेड़ से पत्ता गिरा है। वह शहर से चला गया।
2. उपादान (सामग्री) के साथ: वह मिट्टी से खिलौने बना रहा है।
3. करण आदि के साथ: वह कुत्ते से डरता है। वह हैजे से मरा। ससुर से लजाती है।
4. स्रोत के साथ: हिमालय से गंगा निकलती है। नहीं शहर से दूर है।
5. कालारंभ – कालावधि के साथ: वह कल से बीमार है। वह चार साल से यहाँ है।
6. तुलना में: राम मोहन से बड़ा है।
7. परिवर्तन की आदि स्थिति के साथ: मनुष्य बालक से युवा और युवा से बूढ़ा होता है।

परसर्ग “में”

1. स्थानिक आधार के साथ: घर में, कटोरी में आदि।
2. कालावधि के साथ: तीन दिन में, दो घंटे में आदि।
3. स्थिति, दशा के साथ: आनंद में, कष्ट में आदि।
4. विषय के साथ: इतिहास में, साहित्य में होशियार है।
5. मूल्यनिर्धारण में: यह पेंसिल एक रुपये में मिलती है।
6. तुलना (निर्धारण) में: लड़कों में मोहन सबसे तेज है।

परसर्ग “पर”

1. स्थानिक आधार के साथ: मेज पर, पहाड़ पर
2. यथार्थ समयबिंदु के साथ: ठीक समय पर, दस बजकर आठ मिनट पर
3. घटना के पूर्वापर भाव में: उसके आने पर मैं जाऊँगा।
4. कारणभाव: उसे चोरी करने पर निकाल दिया गया है।
5. दया, विश्वास आदि क्रियाओं के साथ: जीवों पर दया करो। मुझ पर विश्वास करो।

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