लोगों की राय

उपयोगी हिंदी व्याकरण

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: author_hindi

Filename: views/read_books.php

Line Number: 21

निःशुल्क ई-पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण

हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

2. प्रयत्न के आधार पर

व्यंजन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्री में श्वास का कंपन, श्वास  (प्राण) की मात्रा तथा जिह्वा या अन्य अवयवों द्वारा श्वास के अवरोध की प्रक्रिया का नाम प्रयत्न है।

2.1 स्वरतंत्री में श्वास का कंपन

इस आधार पर व्यंजन वर्णों के दो भेद हैं - अघोष और सघोष।

अघोष जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन नहीं होता है, उनको अघोष कहते हैं; जैसे -
क, ख, च, छ, ट, ठ, त, छ, प, फ (वर्गों के प्रथम तथा द्वितीय व्यंजनः तथा फ, श, ष, स।
सघोष जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है, उनको सघोष कहते हैं; जैसे -
ग, घ, ङ, ज, झ, ञ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म (वर्गों के तृतीय, चतुर्थ और पंचम व्यंजन) तथा ड़, ढ़, य, र, ल, व, ह व्यंजन। (सभी स्वर सघोष होते हैं।

2.2 श्वास (प्राण) की मात्रा


श्वास की मात्रा के आधार पर व्यंजनों के दो भेद हैं -- अल्पप्राण और महाप्राण।

अल्पप्राण जिन ध्वनियों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं, जैसे, क, ग, ङ, च, ज, ञ, ट, ड, ण, त, द, न, प, ब, म (वर्णों के प्रथम, तृतीय और पंचम) तथा ड़, य, र, ल, व।
महाप्राण जिन ध्वनियों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, उन्हें महाप्राण व्यंजन कहते हैं, जैसे, ख, घ, छ, झ, ठ, ठ, थ,ध, फ, भ (वर्णों के द्वितीय तथा चतुर्थ) ढ़, ह, न, म, ल ध्वनियों के महाप्राण रूप क्रमशः न्ह, म्ह तथा ल्ह हैं। इनके लिए पृथक् से वर्ण चिह्न नहीं हैं।

...Prev | Next...

To give your reviews on this book, Please Login