|
आचार्य श्रीराम शर्मा >> उन्नति के तीन गुण-चार चरण उन्नति के तीन गुण-चार चरणश्रीराम शर्मा आचार्य
|
|
||||||
समस्त कठिनाइयों का एक ही उद्गम है – मानवीय दुर्बुद्धि। जिस उपाय से दुर्बुद्धि को हटाकर सदबुद्धि स्थापित की जा सके, वही मानव कल्याण का, विश्वशांति का मार्ग हो सकता है।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: editor
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
|||||
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book










