लोगों की राय
नई पुस्तकें >>
रवि कहानी
रवि कहानी
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2015 |
पृष्ठ :130
मुखपृष्ठ :
ई-पुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9841
|
आईएसबीएन :9781613015599 |
|
1 पाठकों को प्रिय
|
रवीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी
विश्वभारती के बढ़ते हुए खर्चों से रवीन्द्रनाथ परेशान थे। भाषण देने के सिलसिले में रवीन्द्रनाथ मुंबई, पुणे और मैसूर गए। वहां से मद्रास, मंगलौर होकर श्रीलंका। वहां के लोगों से विश्वभारती के लिए
सहायता मांगते हुए वे फिर मद्रास और तिरूअनंतपुरम गए। उसके बाद मुंबई। उन्होंने पारसी समाज से विश्वभारती के लिए मदद मांगी। थोड़ी बहुत मदद मिली भी। मुम्बई से वे अहमदाबाद पहुंचकर वहां अम्बालाल साराभाई के यहां अतिथि होकर कुछ दिन रहे। गांधी जी उन दिनों जेल में थे, इसलिए दोनों में भेट नहीं हुई। मगर रवीन्द्रनाथ साबरमती आश्रम जाना नहीं भूले।
रवीन्द्रनाथ दक्षिण भारत और उत्तर भारत से होते हुए शांतिनिकेतन लौट आए। विश्वभारती में उन दिनों एक से बढ़कर एक विदेशी अध्यापक थे। उनके कारण शांतिनिकेतन का गौरव बढ़ गया। विन्टरनित्स वेनोआ, वगदानोव, स्टेला क्रैम्बिस जैसे महारथी शांतिनिकेतन में थे। शांतिनिकेतन की देखभाल के साथ ही रवीन्द्रनाथ देश का भी काम कर रहे थे, साथ में अपना लेखन कार्य भी।
लेकिन विश्वभारती का काम अब काफी बढ़ गया था। इसके लिए काफी धन की जरूरत थी। मगर धन कहां था! रवीन्द्रनाथ धन का जुगाड़ करने के लिए निकल पड़े। वे पहले काशी गए। वहां उन्हें भाषण देना था। इसके बाद वे लखनऊ गए। वहां वे कवि और गीतकार अतुलप्रसाद सेन के यहां ठहरे। इसके बाद मुंबई, वहां से अहमदाबाद फिर वहां से कराची। विश्वभारती के लिए सिंधी व्यापारियों से उन्हें मदद में अच्छी रकम मिल गई। इस सफर का आखिरी पड़ाव गुजरात का पोरबंदर था।
शांतिनिकेतन लौटने के बाद ही कवि शिलांग के लिए निकल पड़े। वहां उन्होंने ''यक्षपुरी'' नाटक लिखा। बाद में उनका नाम बदलकर ''रक्तकरवी'' रख दिया। कलकत्ता लौटकर ''विसर्जन'' नाटक खेलने की तैयारी होने लगी। रवीन्द्रनाथ ने नाटक में ''जय सिंह'' का अभिनय किया। इसके पहले उन्होंने ''रघुपति'' की भूमिका निभाई थी। शांतिनिकेतन में पूरी तरह से पढ़ाई शुरू हो गई थी। रवीन्द्रनाथ खुद भी कक्षाएं लेने लगे। तभी उन्हें इटली की एक रेल दुर्घटना में पियर्सन साहब की मृत्यु की खबर मिली। वे बहुत दु:खी हुए। इसके बाद रवीन्द्रनाथ के प्रिय सुकुमार राय की अकाल मौत ने उनके दुःख को और बढ़ा दिया।
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai