नई पुस्तकें >> प्रेमी का उपहार प्रेमी का उपहाररबीन्द्रनाथ टैगोर
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद
तेरे आने की दुःखमय प्रतीक्षा को लिए बैठा हूँ–शान्त होकर
दूर कहीं, किन्हीं आँधी रूपी बालचरों ने अपने बादल रूपी खेतों को आकाश में गाड़ दिया है, प्रकाश पीला पड़ गया है और वनो की शान्तिमय छायाओं में वायु आँसुओं से भीग गया है।
अन्नत वेदना की शान्ति मेरे हृदय में आकर बैठ गयी है, ऐसे ही जैसे–मानो कोई विचारवान शान्ति परमेश्वर की बांसुरी का चिन्तन उसके संगीत-परिचालन से पूर्व ही कर रही हो।
मुझे ज्ञात है–तू मेरे जीवन में आएगा पर तेरे आने की दुःखमय प्रतीक्षा में भी मेरा संसार शान्त है।
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