नई पुस्तकें >> पंचतंत्र पंचतंत्रविष्णु शर्मा
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भारतीय साहित्य की नीति और लोक कथाओं का विश्व में एक विशिष्ट स्थान है। इन लोकनीति कथाओं के स्रोत हैं, संस्कृत साहित्य की अमर कृतियां - पंचतंत्र एवं हितोपदेश।
मगर की पत्नी को फल खाना अच्छा लगता था पर अपने पति का देर से घर लौटना उसे पसंद नहीं था। वह इसे रोकना चाहती थी। एक दिन उसने कहा, 'मुझे लगता है तुम झूठ बोलते हो। भला मगर और बंदर में कहीं दोस्ती होती है? मगर तो बंदर को मारकर खा जाते हैं।'
मगर ने कहा कि, 'मैं सच बोल रहा हूं। वह बंदर बहुत भला है। हम दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते हैं। बेचारा रोज तुम्हारे लिए इतने सारे बढ़िया फल भेजता है। बंदर मेरा दोस्त न होता तो मैं ये फल कहां से लाता। मैं खुद तो पेड़ पर चढ़ नहीं सकता।'
मगर की पत्नी बड़ी चालाक थी। उसने सोचा, 'अगर वह बंदर रोज-रोज इतने मीठे फल खाता है तो उसका मांस कितना मीठा होगा। यदि वह मिल जाए तो कितना मजा आए।'
यह सोचकर उसने मगर से कहा, 'एक दिन तुम अपने दोस्त को घर ले आऒ। मैं उससे मिलना चाहती हूं।'
मगर ने कहा, 'नहीं, नहीं, यह नहीं हो सकता है। वह तो जमीन पर रहने वाला जानवर है। पानी में तो डूब जाएगा।'
उसकी पत्नी ने कहा, 'तुम उसको न्योता तो दो। बंदर चालाक होते हैं। वह यहां आने का कोई न कोई उपाए निकाल ही लेगा।'
मगर बंदर को न्योता नहीं देना चाहता था। परंतु उसकी पत्नी रोज उससे पूछती कि बंदर कब आएगा। मगर कोई न कोई बहाना बना देता। ज्यों-ज्यों दिन गुजरने जाते बंदर के मांस के लिए मगर की पत्नी की इच्छा तीव्र होती जाती।
मगर की पत्नी ने एक तरकीब सोची। एक दिन उसने बीमारी का बहाना किया और ऐसे आंसू बहाने लगी मानो उसे बहुत दर्द हो रहा है। मगर अपनी पत्नी की बीमारी से बहुत दुखी था। वह उसके पास बैठकर बोला, 'बताऒ मैं तुम्हारे लिए क्या करूं।'
पत्नी बोली, 'मैं बहुत बीमार हूं। मैंने जब वैद्य से पूछा तो उसने बताया कि वह कहता है कि जब तक मैं बंदर का कलेजा नहीं खाउंगी तब तक मैं ठीक नहीं हो सकती हूं।
‘बंदर का कलेजा’ मगर ने आश्चर्य से पूछा।
मगर की पत्नी ने कराहते हुए कहा, 'हां, बंदर का कलेजा। अगर तुम चाहते हो कि मैं बच जाऊं तो अपने मित्र बंदर का कलेजा लाकर मुझे खिलाऒ।'
मगर ने दुखी होकर कहा, 'यह भला मैं कैसे कर सकता हूं। मेरा वही तो एक मित्र है। उसको भला मैं कैसे मार सकता हूं।'
पत्नी ने कहा, 'अच्छी बात है। अगर तुमको तुम्हारा दोस्त ज्यादा प्यारा है तो तुम उसी के पास जाकर रहो। तुम तो चाहते हो मैं मर जाऊं।'
मगर संकट में फंस गया। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। बंदर का कलेजा लाता है तो उसका प्यारा दोस्त मारा जाएगा। नहीं लाता है तो उसकी पत्नी मर जाती है।
वह रोने लगा और बोला, 'मेरा एक ही तो दोस्त है। उसकी जान मैं कैसे ले सकता हूं।'
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