ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक वनस्पतियाँ चमत्कारिक वनस्पतियाँउमेश पाण्डे
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प्रकृति में पाये जाने वाले सैकड़ों वृक्षों में से कुछ वृक्षों को, उनकी दिव्यताओं को, इस पुस्तक में समेटने का प्रयास है
कबर (बेर)
विभिन्न भाषाओं में नाम-
हिन्दी - कबर, कब्र, बेर।
पंजाबी - कबार, बेर।
बंगाली - कबर।
अरबी - कबरू, कब्र।
फारसी - कबर।
यूनानी - कैपरिस
अँग्रेजी - The Edible Caper or Caper Plant
लैटिन - केप्पेरिस स्पीनोसा Capparis spinosa L.
कुल - वरूण कुल Capparaceae या Capparidaceae
कबर एक प्रकार का करील के समान ही छोटी जाति का पथरीली जमीन पर फैला हुआ पौधा होता है। इसका तना काष्ठीय होता है। इसकी शाखाएँ भी करील के समान ही बहुत ज्यादा होती हैं। इस पर भी तीक्ष्ण कांटे होते हैं। इसके पुष्प गुलाबी-सफेद होते हैं। यह पौधा सम्पूर्ण भारत में शुष्क जगहों पर, नदियों के सूखे तल पर पाया जाता है।
कबर की मूल की छाल के कई इंच लम्बे नालीदार टुकड़े होते हैं, जो काफी मोटे तथा अनुप्रस्थ दिशा में दरार युक्त होते हैं। बाहरी छाल खाकी वर्ण की तथा अन्तर्छाल सफेद होती है। आयुर्वेदानुसार कबर एक कफोत्सारी, कृमिनाशक, वातानुलोमन, मूत्रल व आर्तव प्रवर्तक वनस्पति है। यही नहीं, यह एक शोथहर, प्लीहाशोधक तथा यकृत के लिए गुणकारी वनस्पति है।
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