नई पुस्तकें >> जयशंकर प्रसाद की कहानियां जयशंकर प्रसाद की कहानियांजयशंकर प्रसाद
|
0 |
जयशंकर प्रसाद की सम्पूर्ण कहानियाँ
स्कन्द ने क्रोधित होकर कहा- सो कैसे? मैंने तो पथ में इन्हें कहीं नहीं देखा!
ब्रह्मा ने कहा- क्या मार्ग में मूषक का पद-चिह्न आपको कहीं नहीं दिखाई पड़ा था?
स्कन्द ने कहा- हाँ, पद-चिह्न तो देखा था।
ब्रह्मा ने कहा- उन्होंने विश्वरूप जगज्जनक, जननी ही की परिक्रमा कर ली है। सो भी तुम्हारे पहले ही।
स्कन्द लज्जित होकर चुप हो रहे।
0 0 0
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book