ई-पुस्तकें >> श्रीबजरंग बाण श्रीबजरंग बाणगोस्वामी तुलसीदास
|
2 पाठकों को प्रिय 401 पाठक हैं |
शरतचन्द्र का आत्मकथात्मक उपन्यास
संकटों से मुक्ति पाने का उपाय है, श्रीहनुमान जी की आराधना। श्रीहनुमान जी की आराधना और उपासना करने के लिये गोस्वामी तुलसीदास जी ने कई स्तुतियां की हैं, उनमें से एक है श्रीबजरंग बाण। इसका नित्य पाठ कर कोई भी अपनी मुसीबतों से छुटकारा पा सकता है।
श्रीबजरंग बाण
।।श्रीराम।।
ध्यान
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
।। दोहा।।
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान।।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।
|