ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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हमारा चाँद उसको भा न जाये
हमारा चाँद उसको भा न जाये।
सवा नैज़े पे सूरज आ न जाये।।
वो दुनिया भर से बचता फिर रहा है,
मगर ख़ुद से कहीं टकरा न जाये।
युधिष्ठिर भी अगर कुछ पूछ ले तो,
तुम्हारा यक्ष फिर घबरा न जाये।
मेरा दीपक बुझा देने की ज़िद में,
हवाओं को पसीना आ न जाये।
है दिल आराम से दीवानगी में,
समझदारी में धोख़ा खा न जाये।
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