ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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क़दम जिस रास्ते पर आपके आगे बढ़े होंगे
क़दम जिस रास्ते पर आपके आगे बढ़े होंगे।
वहाँ हम मील के पत्थर बने पहले खड़े होंगे।।
मेरी आवाज़ नक़्क़ारों के पर्दे चीर डालेगी,
अभी तक बेज़बानों से कहीं पाले पड़े होंगे।
यक़ीनन आपको भी नींद फिर मुश्किल से आयेगी,
जो ख़बरों की जगह अख़बार में चेहरे पढ़े होंगे।
ये बिखरे काँच के टुकड़े गवाही हैं ज़रा सोचो,
कि सच कहने की ख़ातिर आईने कितना लड़े होंगे।
इसी उम्मीद पर का़यम हैं बूढ़े बाप के सपने,
उन्हें पूरा करेंगे जब कभी बच्चे बड़े होंगे।
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