लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> नदी के द्वीप

नदी के द्वीप

सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :462
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9706
आईएसबीएन :9781613012505

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

390 पाठक हैं

व्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए।


एंजेला ग्रीव्ज़ एक पादरी की विधवा है; पर पादरी कहने से जैसे स्वल्प-साधन, बहुधन्धी, सेवा-रत व्यक्ति का चित्र सामने आता है, वैसे मिस्टर ग्रीव्ज़ भी नहीं थे, और उनकी विधवा तो नहीं ही है। ग्रीव्ज़ ने सेवा बहुत की, पर साधन भी काफ़ी जुटाये और जायदाद तो बहुत जुटा ली। फल उपजाने वाले कुल से आकर यहाँ बाग़वानी के लिए उत्तम ज़मीन देखकर जितना ध्यान उसने 'आत्माओं की खेती' में लगाया उतना ही फलों की खेती में भी, और अब श्रीनगर में बँगले के अलावा आस-पास कई बग़ीचों और बंगलों की देख-भाल निस्सन्तान विधवा एंजेला के जिम्मे है। उसी के विज्ञापन के जवाब में रेखा यहाँ आयी है और यद्यपि उसका पद है 'कम्पैनियन' अर्थात् संगिनी का, तथापि काम उसके नाना प्रकार के हैं और संग उसका कम ही होता है, क्योंकि एंजेला जब बाहर के बग़ीचों में जा रहती है तब उसे श्रीनगर छोड़ जाती है, और जब श्रीनगर जाती है तब उसे यहाँ पहुँचा कर एक-आध दिन काम समझा कर फिर छोड़ जाती है। एंजेला की उम्र साठ से ऊपर है पर उसका शरीर सीधा और फुर्तीला है, और बुद्धि बड़ी सजग; काम उसके लिए बहुत हैं पर वह हारती नहीं और कभी मानती नहीं कि वह थक गयी है - यद्यपि संगिनी की खोज मूलतः थकान का ही एक पर्याय है...।

सेब कच्चे ही तोड़ कर पेटियों में भर लिए गये हैं। पेड़ों पर बहुत थोड़ा फल है। कुछ को पकने पर तोड़ा जाएगा और श्रीनगर में ही बिकेगा क्योंकि बाहर भेजने लायक वह नहीं होता, कुछ जो अनन्तर उतारा जाएगा और जाड़ों तक बिकता रहेगा रेखा को काम विशेष नहीं है, एंजेला श्रीनगर में काम देखती है और वह यहाँ सवेरे बग़ीचे का एक चक्कर लगा लेती है, पैकिंग वग़ैरह के काम पर नज़र दौड़ा लेती है...और बाकी घर की ही देख-भाल करती है। काम विशेष नहीं है, उपस्थिति ही प्रयोजनीय है...।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai