लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> हौसला

हौसला

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :134
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9698
आईएसबीएन :9781613016015

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

198 पाठक हैं

नि:शक्त जीवन पर 51 लघुकथाएं

एक कदम आगे


एक पांव से अपंग झूमर स्कूल से लौटा तो बहुत उदास था। उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर मां ने पूछा - झूमर क्या बात है, आज मुंह क्यों लटका रखा है?'

'मां, क्या मैं कभी दौड़ नहीं पाऊंगा?'

'मां ने उसके कंधे से बस्ता उतारकर टेबल पर रख दिया - ऐसी बात नहीं है झूमर... केवल दौडने की बात मत पकड़ो... जिंदगी में सबको आगे बढना होता है। भगवान किसी को कोई चीज नहीं देता तो बदले में कुछ ज्यादा भी दे देता है। भगवान ने बड़ा बनने के लिए तुम्हें तीव्र बुद्धि प्रदान की। बस उसी के लिए दौड़ लगाओ, देखना एकदिन तुम सबसे आगे निकल जाओगे.....।'

सुनकर झूमर का चेहरा खिल उठा।

 

० ० ०

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai