ई-पुस्तकें >> हौसला हौसलामधुकांत
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नि:शक्त जीवन पर 51 लघुकथाएं
साथ-साथ
सभी निःशक्त
हमारे मित्र।
दान-दया के अधिकारी नहीं
समाज के अभिन्न अंश
हमारी बिखरी भूलें
उपभोगी प्रवृति का परिणाम।
इनके हिस्से की खुशियाँ
शिक्षा और स्वास्थ्य
हमारे पास धरोहर।
चलो, एक कदम चलें-
कुछ गलतियाँ सुधार लें
इनके हाथ में हाथ डाल लें।
प्रशिक्षण, पुनर्वास, शिक्षा-बांट ले
बराबर में खड़ा कर लें।
- मधुकांत
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