लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> क्रांति का देवता चन्द्रशेखर आजाद

क्रांति का देवता चन्द्रशेखर आजाद

जगन्नाथ मिश्रा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :147
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9688
आईएसबीएन :9781613012765

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

360 पाठक हैं

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की सरल जीवनी

 

पुलिस का घेरा


जेठ का महीना था, दोपहर के दो बजे थे। भगवान मार्तण्ड अपनी पूर्ण प्रतिभा के साथ चमक रहे थे। गर्म हवा के थपेड़े शरीर को झुलसाये देते थे। ऐसा मालूम हो रहा था, मानो आकाश से आग बरस रही हो। एकाएक पुलिस ने चन्द्रशेखर आजाद के घर को आ घेरा। किन्तु शेर की मांद में घुसने का साहस करना कोई आसान काम नहीं है। लगभग एक घंटा बीत जाने पर भी पुलिस से कुछ करते न बना।

डी० आई० जी० पुलिस ने स्वयं आकर आज्ञा दी, घर के किवाड़ तोड़ दिये जांए। नौकरी तो आखिर नौकरी है। कुछ पुलिस वालों ने विवश होकर, अपनी जान को संकट में समझते हुए, किवाड़ तोड़ना आरम्भ किया। दनादन घर के भीतर से कई गोलियां आई और कई पुलिस वाले घायल हो गये।

चन्द्रशेखर आजाद घर से चलकर कानप्रुर के प्रसिद्ध नेता गणेशशंकर विद्यार्थी के यहां पहुंच गये थे। उन्होंने इन तीनों को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। इन लोगों के जाने से कुछ देर बाद ही आजाद के निकटतर साथी शुक्ल जी वहां आये और पड़कर सो गये थे। पुलिस को यह पता तो चल गया था कि आजाद अपने घर की ओर गए हैं किन्तु वह घर में हैं या नहीं, यह कुछ नहीं मालुम था।

शुक्ल और पुलिस वालों में घंटों संघर्ष रहा। दोनों ओर से बराबर गोलियां चलती रहीं। आखिर कहां एक आदमी और कहां पचासों का सामना। अन्त में शुक्ल के पास कारतूस समाप्त हो गये। वह खाली पिस्तौल लेकर किसी पड़ोस के घर में कूदकर भागने के लिए छत पर चढ़े। तभी बराबर के घर से दो गोलियां आकर उनकी पीठ से लगीं और वे ढेर हो गए।

एक अकेले शुक्ल ने पुलिस वालों के छक्के छुड़ाकर यह सिद्ध कर दिया कि क्रान्तिकारी कितने वीर होते हैं ! पुलिस वाले आस-पास के घरों की छतों पर भी चढ़ गये थे, कहीं से एक ने शुक्ल पर बन्दूक चला दी थी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai