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चमत्कारिक पौधे

उमेश पाण्डे

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :227
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9687
आईएसबीएन :9781613014554

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प्रकृति में हमारे आसपास ऐसे अनेक वृक्ष हैं जो हमारे लिए परम उपयोगी हैं। ये वृक्ष हमारे लिए ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। इस पुस्तक में कुछ अति सामान्य पौधों के विशिष्ट औषधिक, ज्योतिषीय, ताँत्रिक एवं वास्तु सम्मत सरल प्रयोगों को लिखा जा रहा है।

शीशम का ज्योतिष में महत्व

0 शीशम आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष है। अत: आश्लेषा में जन्में व्यक्तियों को शीशम का रोपण-पालन करना अथवा शीशम के वृक्ष पर नित्य जलार्पण करना परम शुभ होता है। यही नहीं ऐसे व्यक्तियों को शीशम के नीचे कुछ समय तक नित्य विश्राम करने से मानसिक शान्ति प्राप्त होती है।

0 आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को चार शीशम के वृक्षों का रोपण एवं पालन करना शुभ होता है।

शीशम के ताँत्रिक महत्त्व

0 शीशम के पत्ते सिरहाने रखकर शयन करने से स्वप्न दोष नहीं होता।

0 शीशम की जड़ को शुभ मुहूर्त में निकाल लें। इसे सिरहाने रखकर शयन करने वाले को दुःस्वप्न नहीं आते।

0 शीशम के 11 बीजों को सिरहाने रखकर शयन करने वाले को डरावने स्वप्न नहीं दिखते हैं।

शीशम का वास्तु में महत्त्व

शीशम के वृक्ष का घर की सीमा में होना शुभ है। घर में इसे पश्चिम दिशा की तरफ रोपना चाहिये।

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