ई-पुस्तकें >> श्रीकृष्ण चालीसा श्रीकृष्ण चालीसागोपाल शुक्ल
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श्रीकृष्ण चालीसा
मुसीबतों से मुक्ति पाने एवं सभी प्रकार वैभव और समृद्धि पाने का उपाय है, श्रीकृष्ण की आराधना। श्रीकृष्ण की आराधना और उपासना करने के लिये भक्तों, ऋषियों, मुनियों ने कई स्तुतियां की हैं, उनमें से एक है श्रीकृष्ण चालीसा। इसका नित्य पाठ कर कोई भी अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है।
श्रीकृष्ण चालीसा
।।दोहा।।
कर मुरली तन पीत पट, गल वैजन्ती माल।।
बसो हृदय गोपाल के इस विध मदन गोपाल।।
।।चौपाई।।
जय मन मोहन श्याम मुरारे,
जय जय जय ब्रजराज दुलारे।
जय जग तारण कारण स्वामी,
जय बंशीधर अन्तर्यामी ।।1।।
जय शकटासुर अघ संहारी,
जय घनश्याम गोवर्धन धारी।
जय जसुदासुत जय नंदनंदन,
जय तेरी हो असुर निकंदन ।।2।।
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