ई-पुस्तकें >> उजला सवेरा उजला सवेरानवलपाल प्रभाकर
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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ
भीगा तन
बारिश में भीगा हुआ तन
ऊपर से चंचल चितवन
इतनी सुन्दर देह निराली
हर लेती है मेरा जो मन।
गोरा सुन्दर लाल है चेहरा
उस पर बालों का पहरा
कोई भंवरा उसे चूम ना ले
फूल समझ कर गालों को
इसलिए करते इसकी रक्षा
देखो तो भोली वो सूरत
हो जाता है सबका होश गुम।
इतनी सुन्दर देह निराली
हर लेती है मेरा जो मन।
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