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उजला सवेरा
उजला सवेरा
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ :
Ebook
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पुस्तक क्रमांक : 9605
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आईएसबीएन :9781613015919 |
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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ
आत्मकथ्य
संसार में कई प्रकार के लोग हैं। कुछ लोग केवल अपने बारे में ही सोचते हैं और कुछ लोगों को पूरे विश्व के बारे में सोचना पड़ता है। जो लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं उनके लिए केवल उनका परिवार ही सबकुछ होता है। वो उसी से संबंधित सोचते हैं और आखिर में उन्हीं के साथ अपना जीवन बिता कर इस संसार से अंतिम विदाई ले लेते हैं। उनके लिए केवल उनका परिवार ही रोता बिलखता है। परन्तु जो लोग पूरे समाज, देश या फिर विश्व के बारे में सोचते हैं वे उसके लिए कुछ भी करने को तत्पर रहते हैं। ऐसे लोगों को पूरा समाज, देश या फिर पूरा विश्व जानता है, और उसके अंतिम समय में उसके परिवार के साथ-साथ पूरा विश्व ही श्रद्धांजलि अर्पित करता है। पूरा देश शोकमग्न हो जाता है। ऐसे लोग समाज के लिए पथप्रदर्शक का काम करते है। यदि ऐसे लोगों का इतिहास उठाकर देखा जाए तो बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जो कि उच्चवर्ग से संबंध रखते हों, लगभग निम्न तबके के लोग ही इस मुकाम तक पहुंचने का साहस रखते हैं। उनमें एक विश्वास और दृढ़ संकल्प होता है कि उन्होंने किसी भी प्रकार से, चाहे रास्ते में कितने भी रोड़े आएं, कितनी भी मुसीबतें आएं सबको पार करते हुए अपनी मंजिल को बस प्राप्त करना है।
ऐसे ही इस समाज को सही रास्ता दिखाने वाला वर्ग साहित्यकार वर्ग है। यह एक ऐसा वर्ग है जो गरीबी, दूसरों के तिरस्कार और अन्य कई प्रकार के सामाजिक कुरीतियों का सामना करते हुए अपने पथ पर अग्रसर होकर समाज के सामने एक मिसाल कायम करता हैं। यह वर्ग समाज को सही आईना दिखाने का भरसक प्रयास करता है। समाज में शुरू-शुरू में एक साहित्यकार को जाने कितनी ही मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं। बाद में वह ढीठ बनकर उनका सामना करता है और किसी की परवाह ना करते हुए वह अपनी मंजिल पर डटा रहता है। एक दिन वह उस मुकाम पर पहुंचता है कि यही समाज उसके पदचिन्हों पर चलने के लिए उससे प्रेरणा लेता है और एक साहित्यकार उनके लिए प्रेरणास्रोत बन जाता है।
आज इस समाज में फैली अनेक प्रकार कुरीतियों को इस पुस्तक उजला सवेरा के माध्यम से उकेरने का मैंने प्रयास किया है। आज पूरे विश्व के सामने जो पृथ्वी पर प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। उसको कम करने का भी जो तरीका है हरियाली बढाने का, उसके बारे में भी जिक्र किया गया है। मनुष्य को अपने पथ पर अग्रसर होने के लिए जो प्रयास करने चाहिए - वो भी प्रेरित के लिए प्रेरणा देने की कोशिश की है। प्राकृतिक ऋतुओं का वर्णन, भाषा की उन्नति, प्रेमिका चित्रण आदि का बखूबी से वर्णन करने की कोशिश की है।
- नवल पाल प्रभाकर
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