ई-पुस्तकें >> उजला सवेरा उजला सवेरानवलपाल प्रभाकर
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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ
मां प्रकृति
आंखों में भरकर अश्रुधार
क्यों कर रही हो मुझे विदा,
जब माता कहा है तुम्हें तो
आऊंगा फिर कभी यहां।
ऐसा मुझे दो मां आशीर्वाद
आंचल की छांव सदा रहे
मैं रहूं हे मां प्रकृति जहां
जाने के बाद खुश रहना सदा।
जब माता कहा है तुम्हें तो
आऊंगा फिर कभी यहां।
तुम्हारी हंसी हरियाली को
रखूंगा सदा ही सीने में
इसलिए न कभी बुरा मानना
तुम्हारा हूं रहूंगा तुम्हारा सदा।
जब माता कहा है तुम्हें तो
आऊंगा फिर कभी यहां।
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