लोगों की राय
ई-पुस्तकें >>
सरल राजयोग
सरल राजयोग
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :73
मुखपृष्ठ :
Ebook
|
पुस्तक क्रमांक : 9599
|
आईएसबीएन :9781613013090 |
 |
|
4 पाठकों को प्रिय
372 पाठक हैं
|
स्वामी विवेकानन्दजी के योग-साधन पर कुछ छोटे छोटे भाषण
पंचम पाठ
प्रत्याहार और धारणा : भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है, ''जो किसी भी रास्ते से मुझे खोजते हैं, वे मेरे ही समीप पहुँचेंगे।'' ''वे सभी मेरे पास पहुँचेंगे।'' मन को समस्त विषयों से खींच लाकर एकत्र करते हुए किसी अभीष्ट विषय में एकाग्र करने की चेष्टा का ही नाम प्रत्याहार है। इसका प्रथम सोपान है मन को स्वच्छन्द गति से भटकने देना; उस पर नजर रखो, देखो कि वह क्या चिन्तन करता है; स्वयं केवल साक्षी बनो। मन आत्मा नहीं है। वह केवल सूक्ष्मतर रूप लिये हुए जड़ ही है। हम उसके मालिक हैं और स्नायविक शक्तियों के द्वारा इच्छानुसार इसका उपयोग करना सीख सकते हैं।
जिसे हम मन कहते हैं, शरीर उसी का बाह्य रूप है। आत्मस्वरूप हम शरीर और मन दोनों, से परे हैं। हम आत्मा हैं - नित्य, अविकारी, साक्षी। शरीर विचार-शक्ति का घनीभूत रूप है।
श्वास-क्रिया जब वाम रन्ध्र से हो, तब विश्राम का समय है; जब दक्षिण रन्ध्र से, तब कार्य का, और जब दोनों से हो, तब ध्यान का। जब हम शान्त हों और दोनों नासिक-रन्ध्रों से समान रूप से श्वास ले रहे हों, तब समझना चाहिए कि हम ध्यान की उपयुक्त स्थिति में हैं। पहले ही एकाग्रता के लिए प्रयत्न करने से कोई लाभ नहीं होता। विचारों का निरोध अपने आप होगा।
अँगूठे और तर्जनी से नासिका-रन्ध्रों को बंद करने का पर्याप्त अभ्यास कर लेने के पश्चात् हम केवल अपनी इच्छा-शक्ति द्वारा, विचार मात्र से ऐसा करने में समर्थ होंगे।
अब प्राणायाम में कुछ परिवर्तन करना होगा। यदि साधक को इष्टमन्त्र प्राप्त हुआ हो, तो रेचक और पूरक के समय उसे ॐ के बदले उस मन्त्र का जप करना चाहिए और कुम्भक के समय 'हुम्’ मन्त्र का जप करना चाहिए।
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai