ई-पुस्तकें >> मेरा जीवन तथा ध्येय मेरा जीवन तथा ध्येयस्वामी विवेकानन्द
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दुःखी मानवों की वेदना से विह्वल स्वामीजी का जीवंत व्याख्यान
मेरा जीवन मेरा ध्येय नामक यह भाषण स्वामी विवेकानन्द ने 27 जनवरी 1900 ई0 में पासाडेना, कैलीफोर्निया के शेक्सपियर क्लब में दिया था। इसमें दुःखी मानवों की वेदना से विह्वल उस महात्मा का बोलता हुआ चित्र है। इसमें प्रस्तुत है उसका उपचार जिसके आधार पर वे मातृभूमि को पुनः अतीत यश पर ले जाना चाहते थे। यही एक मात्र ऐसा अवसर था, जब उन्होंने जनता के समक्ष अपने जी की जलन रखी, अपने आन्तरिक संघर्ष और वेदना को उघाड़ा।
हमें आशा है, इस पुस्तक से पाठकों को अवश्य लाभ होगा।
मेरा जीवन तथा ध्येय
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देवियो और सज्जनों !
आज प्रातःकाल का विषय वेदान्त दर्शन था, किन्तु रोचक होते हुये भी यह विषय बहुत विशाल और कुछ रूखा सा है।
अभी अभी तुम्हारे अध्यक्ष महोदय एवं अन्य देवियों और सज्जनों ने मुझसे अनुरोध किया है कि मैं अपने कार्य के बारे में उनसे कुछ निवेदन करूं। यह तुम लोगों को भले ही कुछ रुचिकर लगे, किन्तु मेरे लिये बैसा नहीं है। सच पूछो तो मैं स्वयं समझ नहीं पाता कि उसका वर्णन किस प्रकार करूं, क्योंकि अपने जीवन में इस विषय पर बोलने का मेरा यह पहला ही अवसर है।
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