ई-पुस्तकें >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
५७
मिल गया हमको सब कुछ ये मशहूर है
मिल गया हमको सब कुछ ये मशहूर है
सच तो ये है कि मंजिल बहुत दूर है
कोई मजबूर है, कोई मग़रुर है
जाने कैसा ज़माने का दस्तूर है
आईना देखकर मैं ये समझा नहीं
कितना मैं चूर हूँ, कितना वो चूर है
जितना मुझको है ग़म, उतनी उसको ख़ुशी
मैं हूँ मजबूर, क्या वो भी मजबूर है
‘क़म्बरी’ ने ख़ता तो नहीं की मगर
हर सज़ा आपकी फिर भी मंज़ूर है
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