ई-पुस्तकें >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
|
3 पाठकों को प्रिय 278 पाठक हैं |
आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
८
मेरे मत से कोई अवगत नहीं है
मेरे मत से कोई अवगत नहीं है
ये उनका मत है मेरा मत नहीं है
ये वन्दनवार सब उनके लिये हैं
हमारा-आपका स्वागत नहीं है
कोई संजीवनी लाये तो कैसे
यहाँ सब राम हैं हनुमत नहीं है
सभी के अपने-अपने पक्षधर हैं
किसी के पक्ष में बहुमत नहीं है
जिसे भयभीत हैं सब लाँघने में
वो राई है कोई पर्वत नहीं है
हम उनकी जीत को क्यों जीत माने
हमारी हार शत-प्रतिशत नहीं है
ये उनके स्वप्न का होगा तो होगा
हमारे स्वप्न का भारत नहीं है
कथन में ‘क़म्बरी’ के सत्यता है
के उसकी लेखनी दलगत नहीं है
|