लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


१०६

आये जो उसके ज़ेरे-लब गुस्सा


आये जो उसके ज़ेरे-लब गुस्सा
सुर्ख हो कर करे ग़ज़ब गुस्सा

लोग आपे से आज बाहर हैं
कर रहे हैं यहाँ पे सब गु़स्सा

कह रही है शिकन ये माथे की
आने वाला है उसको अब ग़ुस्सा

एक लम्हे में कर ही देता है
बा-अदब को भी बे-अदब ग़ुस्सा

उसकी बातों का कोई ठीक नहीं
उसको आजाये जाने कब ग़ुस्सा

मान भी लीजिये अजी कहना
आप करिये न बे-सबब ग़ुस्सा

जब भी आता है अक़्ल खाता है
‘क़म्बरी’ क्यों करे तलब गुस्सा

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book