लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


९४

मैं तुझे लाजवाब कर दूँगा


मैं तुझे लाजवाब कर दूँगा
तुझको छू कर गुलाब कर दूँगा

बचके रहना हवा का झोंका हूँ
मैं तुझे बेनक़ाब कर दूँगा

देखकर आईने को पढ़ लेना
तेरा चेहरा किताब कर दूँगा

मुझको पलकें उठा के देखो तो
तेरी आँखे शराब कर दूँगा

प्यार का आये हुये सम्मन का
आज दाख़िल जवाब कर दूँगा

मिल तो जाओ कभी अकेले में
हसरतों का हिसाब कर दूँगा

मैं तेरे सब अज़ाब रख लूँगा
तेरे हिस्से सवाब कर दूँगा

ख़्वाबे-ग़फ़लत से ज़रा जागो तो
पूरी ताबीरे-ख़्वाब कर दूँगा

चाँद जैसे तुम्हारे चेहरे के
सामने आफ़ताब कर दूँगा

तेरी नफ़रत की इस हुकूमत में
प्यार का इन्कलाब कर दूँगा

‘क़म्बरी’ का क़लम ये कहता है
मैं ग़ज़ल कामयाब कर दूँगा

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book