ई-पुस्तकें >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
|
3 पाठकों को प्रिय 278 पाठक हैं |
आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
१
जहाँ पर आपका आभास होगा
जहाँ पर आपका आभास होगा
वहाँ पतझार भी मधुमास होगा
यूँ हीं होता नहीं लहरों में कम्पन
कोई प्यासा नदी के पास होगा
मेरे घर मंथरा है , कैकेयी है
मुझे भी एक दिन वनवास होगा
अगर होंगी कहीं वैभव की बातें
कटे हाथों का भी इतिहास होगा
जो हम लड़ते रहे भाषा को लेकर
कोई ग़ालिब न तुलसीदास होगा
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book