लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> घुमक्कड़ शास्त्र

घुमक्कड़ शास्त्र

राहुल सांकृत्यायन

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :265
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9565
आईएसबीएन :9781613012758

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

322 पाठक हैं

यात्रा संग्रहों के प्रणेता का यात्रा संस्मरण


देश-ज्ञान

 

आज जिस प्रकार के घुमक्कड़ों की दुनिया को आवश्यकता है, उन्हें अपनी यात्रा केवल “स्वांत: सुखाय” नहीं करनी है। उन्हें हरेक चीज इस दृष्टि से देखनी है, जिसमें कि घर बैठे रहनेवाले दूसरे लाखों व्यक्तियों की वह आँख बन सके। इसीलिए घुमक्कड़ को अपनी यात्रा के आरंभ करने से पहले उस देश के बारे में कितनी ही बातों की जानकारी प्राप्त कर लेनी आवश्यक है। सबसे पहले जरूरी है रास्ता और देश के ज्ञान के लिए नक्शे का अध्ययन। पुराने युग के घुमक्कड़ों के लिए यह बड़ी कठिन बात थी। उस वक्त नक्शे जो थे भी, वे अंदाजी हुआ करते थे। यद्यपि मोटी-मोटी बातों और दिशाओं का ज्ञान हो जाता था, किंतु देश का कितना थोड़ा ज्ञान होता था, यह तालमी या दूसरे पुराने नक्शाकारों के मानचित्रों को देखने से मालूम हो जायगा। उस नक्शे का आज के देश से संबंध जोड़ना मुश्किल था। ईसवी सदी के बाद जब रोमन, भारतीय और अरब ज्योतिषियों ने भिन्न-भिन्न नगरों के अक्षांश और देशांतर बेध द्वारा मालूम किए, तो भौगोलिक जानकारी के लिए अधिक सुभीता हो गया। तो भी अच्छे नक्शे 18 वीं सदी से ही बनने लगे। आज तो नक्शा-निर्माण एक उच्च-कला और एक समृद्ध विज्ञान है। किसी देश में यात्रा करने वाले घुमक्कड़ के लिए नक्शे का देखना ही नहीं, बल्कि उसके मोटे-मोटे स्थानों को हृदयस्थ कर लेना आवश्यक है। जिन नगरों और स्थानों में जाना है, वहाँ की भूमि पहाड़ी, मैदानी या बालुकामयी है, इन बातों का ज्ञान होना चाहिए। पहाड़ी भूमि की कम-से-कम और अधिक से अधिक कितनी ऊँचाई है, यह भी मालूम होना चाहिए। अक्षांश और उन्नोतांश (भूमि की ऊँचाई) के अनुसार सर्दी बढ़ती-घटती है। ऋतुओं का परिवर्तन सुमात्रा के बीच से जाने वाली भूमध्यमरेखा के उत्तर और दक्खिन में उल्टा़ होता है। जावा और बाली की ओर जाने वाले घुमक्कड़ों का इसकी ओर ध्यान होना आवश्यक है। हमारे यहाँ यह तो कथा थी, कि देवों के देश में छ महीने का दिन और छ महीने की रात होती है, लेकिन भौगोलिक तथ्यों के तौर पर इसका ज्ञान आधुनिक काल ही में हुआ। रात्रि और दिन का इतना विस्तार हो जाना कि वह एक-दूसरे की जगह ले लें, इसका पता काफी पहले से हो चुका था।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai