ई-पुस्तकें >> फ्लर्ट फ्लर्टप्रतिमा खनका
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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।
जिसे हम चाहते हैं जिसकी खुशी की दुआएं करते हैं, अगर वो हमें अपनी खुशी का वास्ता दे तो हम उसे मना नहीं कर सकते। हो सकता है अब उसके लिए मैं वही अंश ना रह गया था लेकिन मेरे लिए वो अब भी वही लड़की थी जिसे मैंने बेइन्तेहा चाहा था। वो समझ ना सकी और मैं समझा ना सका कि ये सब मेरी जान ले रहा है। मैं उसे चाहकर भी रोक नहीं सका।
‘ठीक है अगर तुम्हें लगता है कि साहिल के साथ तुम खुशी से जी सकती हो तो जाओ, खुश रहो।’
‘थैंक्स।’ उसने मेरा बाँया हाथ अपने हाथों के बीच जोर से कसा। ‘...लेकिन याद रखना। आई रियली लव्ड यू।’ कहते हुए जब उसने मेरा हाथ छोड़ा तो वो सरकता हुआ मेरी पेन्ट की उस जेब को छू गया।
‘ये क्या है?’ उसकी आँखें मेरी जेब पर रुक गयीं।
‘कुछ नहीं बस.....। मुझे लगता है मुझे चलना चाहिये।’ मैंने कदम वापस लिये।
‘एक मिनट। पहले मुझे देखने दो।’ उसे ना जाने क्या लगा होगा। बड़ी चिन्ता से उसने मेरी जेब में से वो शीशी बाहर निकाली जो हल्के नीले रंग के तरल से भरी हुई थी।
‘ये क्या है?’ उसे हाथों में लेकर वो घुमा घुमाकर देखने लगी।
‘तुम्हें क्या लगता है?’
उसने उसका ढक्कन खोल कर एक बार सूँघा-
‘कोई जहर?’ और अन्दाजन बता दिया।
‘ये जहर नहीं है, तुम सिर्फ सो जातीं इसे खाकर और वो भी मैं तुम्हें नहीं खाने देता। सिर्फ देखना चाहता था कि तुम जो कहती हो वो कर सकती हो या नहीं। खुद को यकीन दिलाना चाहता था कि जो तुम मेरे साथ अब तक कर रहीं थीं वो प्यार ही था।’
अपनी जेबों में अपने हाथ डाले मैं तेज कदमों से वहाँ से लौट आया। इस बार मैंने भी यामिनी को छोड़ दिया था।
जिस वक्त ये तूफान मुझ पर से गुजर रहे थे उस वक्त मैं सिर्फ 24 साल का था, इसलिए अपने पहले प्यार को भूलना और इस तकलीफ से जूझना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मुझे तड़प इस बात की थी कि उसने मुझे वजह पर वजह दीं लेकिन अलग हो जाने के लिए, जुड़ने के लिए नहीं।
जो लोग इस तरह से चोट खाते हैं या तो वो फिर कभी प्यार में नहीं पड़ते या हर दूसरे इन्सान के लिए टूट जाते हैं। जब तक यामिनी मेरे साथ थी मैं हर किसी से कटा हुआ था लेकिन जब उससे रिश्ता टूटा तो मेरा नाम हर किसी से जुड़ने लगा। मेरा हर नया रिश्ता सिर्फ यामिनी को भूल जाने के लिए था। मैं उसे अपने दिल के हर कोने से निकाल देना चाहता था।
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