ई-पुस्तकें >> भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्आदि शंकराचार्य
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ब्रह्म साधना के साधकों के लिए प्रवेशिका
आचार्य शंकर केवल एक बडे द्रष्टा और अद्वैत सिद्धान्त के मूर्धन्य प्रतिपादक ही नहीं थे वरन् मूलतः हिन्दू धर्म के एक अन्तःप्रेरित समर्थक और देश के सबसे बड़े ओजस्वी धर्म प्रचारक थे।
‘भज गोविन्दम्’ देखने में भले ही छोटा ग्रन्थ लगे, परन्तु वास्तव में आदि शंकर की यह एक महत्वपूर्ण रचना है। इसमें वेदान्त के मूल आधआर की शिक्षा सरल गान में दी गई है, ताकि कोई बुद्धिमान व्यक्ति अगर इसका अध्ययन सच्चाई के साथ करे तो उसके सारे मोह नष्ट हो सकते हैं, और इसीलिए इसका एक मान पड़ा ‘मोह-मुद्गर’।
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