ई-पुस्तकें >> भगवान बुद्ध की वाणी भगवान बुद्ध की वाणीस्वामी ब्रह्मस्थानन्द
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भगवान बुद्ध के वचन
अष्टांगिक मार्ग
1. सम्यक् दृष्टि (अन्धविश्वास तथा भ्रम से रहित)।
2. सम्यक् संकल्प (उच्च तथा बुद्धियुक्त)।
3. सम्यक् वचन (नम्र, उन्मुक्त, सत्यनिष्ठ)।
4. सम्यक् कर्मान्त (शान्तिपूर्ण, निष्ठापूर्ण, पवित्र)।
5. सम्यक् आजीव (किसी भी प्राणी को आघात या हानि न पहुँचाना)।
6. सम्यक् व्यायाम (आत्म-प्रशिक्षण एवं आत्मनिग्रह हेतु)।
7. सम्यक् स्मृति (सक्रिय सचेत मन)।
8. सम्यक् समाधि (जीवन की यथार्थता पर गहन ध्यान)।
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