लोगों की राय

कविता संग्रह >> अंतस का संगीत

अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

397 पाठक हैं

मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ


पेड़


हम हैं ऐसे पेड़ किसी के आँगन के
झूले जिस पर नहीं पड़े हैं सावन के

अधर हमारे जनम-जनम से प्यासे हैं
देह हमारी सावन में भी झुलसी है
हमको कोई अर्ध्य नहीं देने आता
हमसे फिर अच्छी आँगन की तुलसी है

जाने कितने विषधर तन से लिपटे हैं
वैसे तो हम पेड़ नहीं हैं चन्दन के

जब भी महकी हवा बदन को छूती है
जाने कैसा-कैसा मन हो जाता है
अन्तर मन में सुधियों रास रचाती हैं
सूना आँगन वृन्दावन हो जाता है

तितली जब फूलों से बातें करती है
आते हैं तब याद हमें दिन बचपन के

नीड़ नहीं है कोई अपनी बाहों में
हमसे तो अब पंछी भी कतराते हैं
गूँगी पीर हमारी कोई क्या जाने
हम उनको आवाज़ नहीं दे पाते हैं

हमसे मिलने कभी बहारें आयेंगी
इस आशा में बीत रहे दिन जीवन के

* *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book