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अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ


प्यास


फिर नदी के पास लेकर आ गई
मैं न आता प्यास लेकर आ गई

जागती है प्यास तो सोती नहीं
और अपनी तीव्रता खोती नहीं
वो तपोवन हो या राजा का महल
प्यास की सीमा कोई होती नहीं

हो गये लाचार विश्वामित्र भी
मेनका मधुमास लेकर आ गई

तृप्ति तो केवल क्षणिक आभास है
और फिर संत्रास ही संत्रास है
शब्द-बेधी बाण, दशरथ की व्यथा
कैकेयी के मोह का इतिहास है

इक जरा सी भूल यूँ शापित हुई
राम का बनवास लेकर आ गई

प्यास कोई चीज मामूली नहीं
प्राण ले लेती है पर सूली नहीं
यातनायें जो मिली हैं प्यास से
आज तक दुनिया उसे भूली नहीं

फिर लबों पर कर्बला की दास्ताँ
प्यास का इतिहास लेकर आ गई

* *

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