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कविता संग्रह >> अंतस का संगीत

अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ


मिलन यामिनी


चाँदनी में नहा जायेगी हर दिशा
आवरण आप मुख से हटा दें अगर

हर तरफ बज उठेगी मधुर रागिनी
रास्ता भूल जायेगी मंदाकिनी
जो जहाँ है वहीं पर ठहर जायेगा
गुनगुनाने लगेगी मिलन यामिनी

मंजिलें प्यार की पास आ जायेंगी
दूरियाँ आप थोड़ी घटा दें अगर

बात ऐसे हो जिसको न कोई सुने
प्रीति के क्षण निरंतर रहें गुनगुने
नेह की चूनरी ऐसे तैयार हो
एक ताना बुने, एक बाना बुने

कौन देखेगा फिर हिरनियों के नयन
आप पलकें जरा सी उठा दें अगर

एक वातावरण यूँ बने प्रीति का
एक संसार रच जाये संगीत का
इस तरह से मुखर हों हमारे वचन
जन्म होता हो जैसे किसी गीत का

उर्वशी, मेनका मुग्ध हो जायेंगी
आप मुस्कान अपनी लुटा दें अगर

* *

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