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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


मुझे उस फिल्म की हल्की सी याद थी, इसलिए मैंने मेरी एन की सहमति में सिर हिला दिया। वहाँ लगी हुई कई दूरबीनों में बार-बार चवन्नियाँ डालकर वह न्यूयार्क के दृश्य देर तक देखती रही। हमें वहाँ से निकलते-निकलते लगभग एक बज रहा था।
एम्पायार स्टेट बिल्डिंग से उतरकर हम वहाँ से पश्चिम की ओर चलते हुए सातवीं एवेन्यू तक आये फिर वहाँ बने पेन स्टेशन और मेडीसन स्केवयर गार्डन आदि को बाहर से ही देखते हुए आठवीं एवेन्यू पर पहुँचे। मैं यह जानने के लिए उत्सुक था कि इस स्टेशन को ये पेन स्टेशन क्यों कहते हैं? वहीं पर खड़े एक ट्रैफिक के सिपाही से जब मैंने यह सवाल पूछा तो वह मुझे ध्यान से देखते हुए बोला, “क्योंकि एक समय था जब इस देश में फिलाडेल्फिया नगर और पेनसेल्वानिया राज्य बहुत महत्वपूर्ण होते थे। उस समय चूँकि पेनसेल्वानिया जाने के लिए रेलगाड़ी यहीं से मिलती थी, इसलिए इसे पेन स्टेशन कहते हैं।“
हम आठवी एवेन्यू पर बनी एक बहुत बड़ी पोस्ट आफिस की इमारत के सामने से उत्तर की ओर चल पड़े। लगभग 6 या 7 बार सड़क पार करने के बाद हम पुनः 42 वीं स्ट्रीट पर थे। वहाँ से आगे चलते हुए हमने फिल्म और फैशन तथा ब्रॉडवे आदि के स्टूडियो और थियेटर देखे। कुछ दुकानों के आगे “पीप शो” लिखा हुआ था। उसके विज्ञापनों को पढ़ने के बाद समझ में आया कि असल में वह एक ऐसी जगह थी जिसमें पैसे देखकर नग्न और अर्धनग्न लड़कियों के प्रदर्शन देखे जा सकते थे। मेरे साथ मेरी एन भी थी, इसलिए इस प्रकार का “शो” देखना अश्लीलता थी, यह सोचते हुए मैंने पीप शो देखने का इरादा त्याग दिया। उनके सामने से आगे निकलते हुए मैंने सोचा कि यदि कभी दोबारा आया तो इस बारे में सोचूँगा।
हम आगे चलते हुए बढ़ते रहे। कुछ समय बाद उत्तर पूर्व की ओर जाकर हम वहाँ के प्रसिद्ध सेंट्रल पार्क के दक्षिण पश्चिमी छोर पर पहुँच गये। न्यूयार्क नगर में कंक्रीट का साम्राज्य है, इसीलिए इतनी इमारतों के बीच में मिड टाउन के नगर वासियों के लिए एक काफी बड़ा पार्क बना हुआ है, इस पार्क की लंबाई संभवतः डेढ़ मील और चौड़ाई तीन चौथाई मील के आस-पास होगी। हम जब तक वहाँ पहुँचे, दोपहर के समय अधिक लोग नहीं थे। पार्क के अंदर थोड़ी देर टहलने के बाद हम बाहर निकल आये और आस-पास की इमारतों और कार्यालयों को देखने लगे। पार्क के पूर्वी हिस्से के नीचे वाली स्ट्रीट पर एक बहुत बड़ा एप्पल स्टोर था, जिस पर एप्पल का विशाल लोगो शोभायमान हो रहा था।
आगे बढ़ते हुए हम राकेफेलर सेंटर पहुँचे और अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति और अपने समय के सबसे अधिक धनी व्यक्ति की याद में बने स्मारक स्थल और वहाँ बने कुछ प्रसिद्ध देशी-विदेशी दुकानों को देखते हुए उत्तर की ओर बढ़ चले।
मैं किसी-न-किसी संग्रहालय को देखना चाहता था। वैसे तो मैं कोई भी संग्रहालय देख सकता था, परंतु चूँकि वाशिंगटन में मैं केवल एयर एण्ड स्पेश म्यूजियम देख पाया था, इसलिए अब नेचुरल हिस्ट्री वाला म्यूजियम देखने की सोच रहा था। मैं मेरी एन से बोला, “मैं सोच रहा हूँ कि कुछ समय नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम देखा जाये। “वह उत्तर में बोली, “मैंने दूतावास से आते समय गूगनहाइम आर्ट म्यूजियम का एक साइन देखा था, मैं उसे देखना चाहती हूँ, क्योंकि यह म्यूजियम न्यूयार्क की विशेषता है, जबकि नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम तो वाशिंगटन में भी देखा जा सकता है।“
मुझे आर्ट की बहुत अधिक जानकारी नहीं है, विशेषकर माडर्न आर्ट को समझना और भी काफी टेढ़ी खीर होता है, इस कारण से मैं आर्ट म्यूजियम जाने के लिए बहुत उत्सुक नहीं था। परंतु मेरी एन बोली, “मैं कला में स्नातक हूँ, इसलिए इस विषय में स्वाभाविक रूप से मेरी रुचि है।“ इसके अलावा मेरी एन ने एक और तर्क दिया जिसके कारण मुझे उसकी बात माननी पड़ी। अब तक दिन के चार बज रहे थे, यदि हम नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में गये तो उसके लिए पूरा दिन चाहिए होता है, जबकि गूगनहाइम न्यूयार्क का विशेष म्यूजियम होने के साथ-साथ आराम से दो या तीन घंटों में देखा जा सकता है, उसके बाद हम टाइम्स स्केवायर जाकर वहाँ की रंगीनियाँ देख सकते हैं। इस प्रकार हमारा न्यूयार्क के मुख्य स्थानों का भ्रमण पूरा हो जायेगा।

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