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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


कार पार्किंग में खड़ी करने के बाद हमने पास के ही डंकिन डोनट में जाकर उनके वाई फाई से गूगल पर अपने आस-पास की जगहों को देखा। इत्तफाक से यहाँ से हम बहुत कुछ पैदल ही घूम सकते थे। परंतु यहाँ आने का कारण केवल भ्रमण न होकर असल में तो कनाडा के दूतावास से अपने लिए वीसा लेना था। दूतावास में पहुँचकर मैंने पता किया तो वहाँ के अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या के कारण अब हम कुछ विशेष देशों को छोड़ कर बाकी देशों के नागरिकों के सभी वीसा आवेदनों की गहन जाँच करते हैं और साधारण परिस्थितियों में वीसा 8 से 12 दिनों में मिलता है। इसकी फीस भी लगभग 200 डॉलर के आस-पास लग जाती है। मैं बड़ी उलझन में पड़ गया और वापस लौटकर मेरी एन को जो कि वहाँ पर पड़ी कुर्सियों पर बैठी इंतजार कर रही थी यह स्थिति बताई। मैंने उससे पूछा, “अब क्या करें”, तभी मुझे याद आया कि ट्रॉँसिट वीसा के बारे में मुझे वापस जाकर अधिकारी से पुनः पूछना चाहिए कि यदि सीधे बार्डर पर जाकर केवल ट्राँजिट वीसा ही माँगा जाये तो क्या ट्राँसिट वीसा मिल सकता है?
मैने मेरी एन से कहा, “मैं दोबारा ट्राँसिट वीसा के बारे में पूछ कर आता हूँ।” यह सुनकर मेरी एन अचानक बोल पड़ी, “ठहरो मैं बात करके देखती हूँ, चूँकि मैं जन्म लेने के कारण कनाडा की पैदायशी नागरिक हूँ, और इनसे फ्रेंच में बात करूँगी हूँ, तो संभव है कि कोई रास्ता निकल आये।”  मुझे भी याद आया कि फ्रेंच लोग अंग्रेजी में बात करने वालों की निकृष्ट दृष्टि से देखते हैं। क्या पता कोई तरीका निकल ही आये!
मेरी एन दूतावास के अधिकारी से बात करने के लिए पुनः एक टोकन ले आई और अपना नंबर आने का इंतजार करने लगी। अपना नंबर आने पर वह अधिकारी से अपनी अभ्यस्त फ्राँसीसी भाषा में बात करने लगी। कनाडा के दूतावास में काम करने वाले अधिकतर व्यक्ति अंग्रेजी में साधारण अमेरिकन लोगों की तरह बातें करते हैं, परंतु उनमें से अधिकांश की मातृभाषा तो फ्राँसीसी ही है। वह सूचना अधिकारी से कुछ मिनटों तक बात करती रही, फिर उसके इशारे पर अंदर के कार्यालय में भी गई। वहाँ से लौटकर आते समय उसका चेहरा चमक रहा था।
मेरी एन आकर बोली, “ट्रांसिट वीसा तो केवल हवाई यात्रा कर रहे लोगों को मिलता है। परंतु तुम्हारे अमेरिकी वीसा के कारण पर्यटक वीसा मिल सकता है। लेकिन वह भी आज नहीं मिलेगा, वह अधिकारी कह रहा है कि विशेष अनुमति के आधार पर वीजा तो दे सकता है, परंतु इसके लिए उसे एफ बी आई से और कनाडा की सुरक्षा एजेंसी से तुम्हारा रिकार्ड चेक करवाना होगा।” मुझे अनुभव हुआ कि जैसे मैं कोई आपराधिक व्यक्ति होऊँ और मेरा क्रिमिनल रिकार्ड सबके लिए सार्वजनिक हो। पहले तो बहुत बुरा लगा, परंतु फिर यह भी ध्यान आया कि सुरक्षा की दृष्टि से और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को रोकने के लिए यह सब तो आवश्यक ही है।
इसके आगे की मेरी एन की बात सुनकर मैं और अधिक उलझन में पड़ गया, वह कह रही थी कि, “मेरे बहुत आग्रह करने पर अधिकारी ने मुझे आश्वासन दिया है कि इस काम को दो दिनों में करवा सकता है। लेकिन फिर भी सुरक्षा जाँच के बाद वीसा सहित तुम्हारा पासपोर्ट बुधवार से पहले नहीं मिल पायेगा।”
मैं मेरी एन के चेहरे की तरफ देखने लगा तो वह बोली, “इसका मतलब हमें वापस न्यू यार्क आना पड़ेगा।” हमारी अभी तक की योजना में हम बॉस्टन से आगे मेन और फिर वहाँ से कनाडा में प्रवेश करने वाले थे, अब यदि हमें वापस आना है तो यहाँ आकर फिर यहाँ से पुनः उत्तर दिशा की ओर जाना होगा। इस सबका मतलब यह था कि हम लोग कम से कम छह से आठ घंटे की दोहरी यात्रा करने वाले थे। वह जिस तरह स्वेच्छा से आगे बढ़कर आव्रजन अधिकारी से बात करके आई थी, उसके कारण अब मेरे लिए इस कार्यक्रम से पीछे हटने की गुंजाइश नहीं रह गई थी। कार्यक्रम में परिवर्तन के कारण जो अधिक पैसा अब हमें कार की गैस में लगने वाला था, उसकी भरपाई इस बात से हो रही थी कि अब हमें आगंतुक वीसा की 200 डालरफीस नहीं देनी होगी, अपितु पुलिस सत्यापन के लिए 20 डॉलर की फीस और 55 डॉलर वीसा की फीस देनी होगी। मेरी अगले छह महीनों में दोबारा कैनेडा वापस आने की कोई योजना अथवा आवश्यकता नहीं थी,  साथ ही समय की आवश्यकता के अनुसार और मेरी तात्कालिक जरूरत के लिए तो ट्राँसिट वीसा ही काफी था। लेकिन पर्यटन वीसा मिलने की संभावना से अब ऐसी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। हम वैसे भी दो दिन से अधिक कैनेडा में रुकने की योजना से नहीं जा रहे थे। अब चूँकि, पासपोर्ट आज वापस नहीं मिलना था, इसलिए अब आज के बाकी के दिन कैनेडा के दूतावास में हमारा कोई काम नहीं था।
हमें बॉस्टन के लिए शाम को निकलना था, जहाँ एक हालीडे इन में हमारा कमरा आरक्षित था। न्यूयार्क शहर के मेनहटन इलाके में हम जहाँ थे, वहाँ से यदि ट्रेफिक अधिक न हो, तो लगभग साढ़े तीन घंटों में भी बॉस्टन पहुँचा जा सकता था। मैंने मेरी एन से कहा, “हम यहाँ से शाम के आठ बजे तक निकल सकते हैं। ऐसी स्थिति में हम साढ़े ग्यारह या बारह बजे तक अपने होटल में पहुँच जायेंगे। इसका मतलब हमारे पास अधिक से अधिक 9 घंटे हैं इस दुनिया के इस प्रसिद्ध न्यूयार्क शहर को देखने के लिए! 9 घंटे लगातार घूमने के कारण थके होने पर कार चलाना मुश्किल होगा, पर मैं शायद कर सकूँगा। ऐसे मौके बार-बार कहाँ मिलते हैं। यह अवश्यक है कि, यदि उससे अधिक देर हो गई तब निश्चित ही मुश्किल होगी।“मेरी एन ने सहमति में सिर हिलाया।

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लोगों की राय

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Anshu  Raj

Interesting book

Sanjay Singh

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Nupur Masih

Nice road trip in America

Narayan Singh

how much scholarship in American University

Anju Yadav

मनोरंजक कहानी। पढ़ने में मजा आया