मूल्य रहित पुस्तकें >> अमेरिकी यायावर अमेरिकी यायावरयोगेश कुमार दानी
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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी
शुक्रवार
सुबह पाँच बजे के आस-पास मेरी नींद खुल गई। मैं ब्रश आदि करके अपनी व्यायाम की टी शर्ट और हाफ पैंट डालकर जिम के लिए निकला। निचली मंजिल पर बने हुए जिम में इस समय कोई नहीं था। यूनिवर्सिटी के जिम में सुबह पाँच बजे भी पहुँचूं तो उस समय भी कोई न कोई हमेशा व्यायाम करता हुआ मिल ही जाता है। शायद होटल में रुकने वाले लोगों को जिम जाना उतना आवश्यक नहीं लगता है। लगभग आधे घंटे ट्रेड मिल, आधे घंटे इलिप्टिकल और उसके बाद तकरीबन 15 मिनट तक वजन और बार पर लटकने के व्यायाम करता रहा। लगभग साढ़े छह बजे के आस-पास मैं होटल के बाहर निकल पार्किग लाट में घूमकर खुली हवा का मजा लेता रहा। जिस समय मैं वापस अपने कमरे में पहुँचा तो पाया कि मेरी एन अभी-भी नींद में थी।
मैं चुपचाप बाथरूम में गया और स्नान आदि से निवृत्त हुआ। एयर प्लेन के शौचालय में लिखी हुई राय (कृपया अपने बाद आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए वाश बेसिन को साफ करके पोंछ दें) को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने नहाने के बाद शावर में टूटे हुए बालों को पानी से बहा दिया। वाश बेसिन के आस-पास की जगह अपने प्रयोग किये हुए तौलिया से पोंछ दी और अपनी गीली तौलिया को करीने से लपेटकर कपड़े की बास्केट में डाल दिया। अब यदि कोई इस बाथरूम में शावर की जगह का पानी सूख जाने के बाद आता तो उसे पता भी नहीं चल सकता था कि यहाँ पर किसी ने स्नान किया है। अपनी सफाई का एक अंतिम निरीक्षण करके मैंने वापस कमरे में जाकर टीवी खोलने की सोची, परंतु वहाँ पर सोती हुई मेरी एन को देखकर ऐसा करने का इरादा मैने त्याग दिया। सोती हुई मेरी एन के साथ कमरे में इस तरह चुपचाप रुकने में मुझे बहुत अटपटा लगने लगा। मैं कमरे से बाहर निकल कर होटल के नाश्ते वाले कमरे में गया जहाँ कि कुछ लोग नाश्ता कर रहे थे और एक बड़े टी वी पर आज के समाचार आ रहे थे।मुझे कुछ देर के बाद विचार आया कि जब मेरी एन उठेगी तो संभवतः वह यह जानना चाहे कि मैं कहाँ हूँ। इसलिए मुझे उसे फोन पर संदेश भेज देना चाहिए। परंतु दूसरी ओर यह भी विचार आया कि यदि आवश्यकता होगी तो वह संदेश के द्वारा स्वयं मुझसे पूछ सकती है, विशेषकर यदि वह मुझसे ऐसा कुछ जानना चाहे तो!
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