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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435
आईएसबीएन :9781613018972

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


लिंकन मेमोरियल में स्थापित अब्राहम लिंकन की मूर्ति की विशालता को देखकर मुझे आश्चर्य हुआ। आम तौर पर किसी इमारत में रखी हुई मूर्ति उस इमारत की ऊँचाई से काफी कम होती है, परंतु लिंकन की मूर्ति इमारत की ऊँचाई के अनुपात काफी ऊँची थी। उसके स्मारक स्थल में लिखी उसके समय की कई महत्वपूर्ण बातों को पढ़ते और देखते हुए हमें लगभग 3 बज गया। इस बीच मुझे तेज भूख लगने लगी थी। इसलिए हम व्हाइट हाउस के सामने बने मैदान के उस हिस्से की ओर बढ़े जहाँ कुछ आइसक्रीम वाले आइसक्रीम बेच रहे थे। वहाँ से हम दोनो ने एक-एक आइस क्रीम खरीद कर खायी तब जाकर कुछ भूख कुछ शांत हुई।  
वहाँ से इधर-उधर घूमते हुए हम स्मिथसोनियन म्यूजियम के सामने पहुँचे। इस समय तक दिन का चार बज रहा था, सुरक्षा जाँच से गुजर कर हम स्मिथसोनियन म्यूजियम के अंदर गये। वहाँ नीचे की मंजिल पर रखी हुई चीजों और जानकारी को कुछ समय देख ही पाये थे कि म्यूजियम बंद होने के घोषणा होने लगी। म्यूजियम से बाहर निकल कर हम लोग अपनी कार तक पहुँचे। अब तक होटल में चेक-इन करने का समय हो रहा था। इसलिए यहाँ से निकल कर हमने होटल जाने का इरादा था किया ताकि अपना सामान आदि रखकर होटल का कमरा सुरक्षित कर लें। सड़क पर बने दिशा-निर्देशों को देखते हुए हम व्हाइट हाउस से अपने होटल की तरफ जाने का प्रयास कर रहे थे। परंतु निश्चित ही किसी एक सड़क पर सही समय रहते निर्णय न ले पाने के कारण मैं गलत रास्ते पर चला गया और नदी के किनारे की किसी सड़क पर पहुंच गया।
जब मुझे यह समझ में आया कि मैं रास्ता भटक गया हूँ तो मैंने मेरी एन से कहा, “क्या आप होटल का पता जीपीएस में अंकित कर देंगी ताकि हम और अधिक भटकने की बजाए अपने होटल सीधे पहुँच सकें।“ मेरी एन संभवतः जीपीएस का प्रयोग करने की अभ्यस्त नहीं थी, इसलिए उसे थोड़ी देर लगी, परंतु उसने कुछ अपनी बुद्धि से और कुछ मेरे इशारे पर दिशा-निर्देश अंकित कर लिए। इस बीच मैं इधर-उधर की सड़कों पर घूमते हुए अब जिस इमारत के सामने था वह कैपिटल हिल थी। अकस्मात् कैपिटल हिल के बगल वाली सड़क की पार्किंग में खड़ी कारों में से एक कार निकली तो मैंने कार उसके पीछे रोक दी और फिर समानान्तर पार्किंग करते हुए कार को वहीं पार्क कर दिया। मुझे ऐसा करते देख मेरी एन मुझे प्रश्नात्मक दृष्टि से देखने लगी। मैने उसे बताया, “हम कैपिटल हिल के पास हैं, जो कि यहाँ का सीनेट हाउस है। इस इमारत में शायद अंदर जाने का अवसर तो कभी न आये परंतु हम बाहर से थोड़ी देर देख सकते हैं।“
मेरी एन ने सहमति में सिर हिलाया और हम दोनों कार से उतर कर कैपिटल हिल की सीढ़ियाँ चढ़ने लगे। कुछ समय वहाँ इधर-उधर टहलने और देखने के बाद मैं ऊबने लगा तो मैने मेरी एन से चलने के लिए पूछा। वह भी सहर्ष तैयार हो गई। शायद वह भी ऊब रही थी। कार की ओर वापस लौटकर सबसे पहले मैंने अपने लिए ट्रंक से एक कोल्ड ड्रिंक निकाली। ट्रंक अभी बंद ही कर रहा था कि मेरी एन का ध्यान आया और मैंने आगे आया और उससे पूछा, “क्या आपको भी कोई ड्रिंक लेना है?” उसने सहमति में सिर हिलाया और उसके बाद बोली, “एक चिप्स का पैकेट भी निकाल दीजिए।” मैं ड्रिंक और चिप्स लेकर वापस चालक की सीट पर बैठा तो मेरा ध्यान गया कि मेरी एन पहले से ही जीपीएस में होटल का पता अंकित कर चुकी थी। जीपीएस के निर्देशों का अनुसरण करते हुए हम सीधे अपने होटल पहुँचे।

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