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आराधना
आराधना
प्रकाशक :
सरल प्रकाशन |
प्रकाशित वर्ष : 2011 |
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ :
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पुस्तक क्रमांक : 8338
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आईएसबीएन :0 |
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2 पाठकों को प्रिय
248 पाठक हैं
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
धाये धाराधर धावन हे !
धाये धाराधर धावन हे!
गगन-गगन गाजे सावन हे!
प्यासे उत्पल के पलकों पर
बरसे जल धर-धर-धर-धर-धर,
शीकर-शीकर से श्रम पीकर;
नयन-नयन आये पावन हे!
श्याम दिगन्त दाम-छबि छायी,
बही अनुत्कुण्ठित पुरवाई,
शीतलता-शीतलता आयी,
प्रियतम जीवन-मन भावन हे!
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