आचार्य श्रीराम शर्मा >> जन्मदिवसोत्सव कैसे मनाएँ जन्मदिवसोत्सव कैसे मनाएँश्रीराम शर्मा आचार्य
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जन्मदिवस को कैसे मनायें, आचार्यजी के अनुसार
प्रयोजन प्रकट करने वाले श्लोक
कर्मकाण्ड कराते समय, इन चारों क्रियाओं के कराते हुए उपर्युक्त विवेचना भी करते चलना चाहिए, ताकि उपस्थित लोग उनका
प्रयोजन समझ सकें। संस्कार के उद्देश्य की विवेचना करने वाले १३ श्लोक विधान पद्धति में दिये गये हैं, जिनमें निम्न सन्देश सन्निहित हैं-(१) मनुष्य शरीर को सुरदुर्लभ चौरासी लक्ष योनियों में प्रमण करने के बाद उपलब्ध हुआ अनुपम अवसर मानकर उसके श्रेष्ठतम सदुपयोग के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। (२) जन्म और मरण की श्रृंखला से मुक्त होने के लिए सन्मार्ग पर चलते हुए ईश्वर का अनुग्रह प्राप्त करने में जीवन की सार्थकता माननी चाहिए। (३-४) जीवन को शुभचिन्तन, शुभ कर्म और शुभ प्रवृत्तियों में बिताने की बुद्धिमत्ता का शुभारम्भ करना चाहिए। (५) विगत जीवन में विशिष्ट आध्यात्मिक प्रगति न कर सकने की भूल को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों का अधिक उपयुक्त प्रयोग होने की सावधानी रखी जाय। (६) विगत जीवन की भूलों के लिए पश्चात्ताप और प्रायश्चित करें। (७-८) दुष्प्रवृत्तियों के शमन और सत्प्रवृत्तियों के अभिवर्धन के लिए तत्पर होना चाहिए। (९-१०) दूसरों के द्वारा किये हुए अपराधों को भुलाना चाहिए और उपकारों को स्मरण रखना चाहिए। (११-१२-१३) ज्ञान, चेतना, उत्साह, बल एवं साहस बढ़ाना चाहिए ताकि जीवन का वास्तविक उत्कर्ष सम्भव हो सके।
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