आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
सदियों की दासता ने
हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि सदियों की दासता ने नारी की क्षमता को अयोग्य कर दिया है। और वह बीज रूप में अंकुरित ही नहीं हो सकता। न यह सोचना चाहिए कि भारत में नारी की दशा सदैव से ऐसी ही रही है। इसलिए अब भी उसमें कोई परिवर्तन नहीं करना चाहिए।
एक बार यह मान भी लिया जाय कि पूर्व में नारी की स्थिति ऐसी ही थी, तो भी परम्परा को केवल परम्परा होने के कारण चलते रहने देने की अनुमति विवेकशीलता नहीं देती। साथ ही तमाम विचारकों को भी भारतीय नारी की तुलना पश्चिमी देशों से नहीं करनी चाहिए। वहाँ की परिस्थितियाँ और आवश्यकताएँ अलग हैं तथा यहाँ की परिस्थितियाँ और आवश्यकताएँ अलग। भारतीय समाज में नारी उत्कर्ष के प्रयास शीघ्र सफल हो सकते हैं, बशर्ते कि उन्हें ईमानदारी से किया जाय और कोई भूल-भटकाव में न आया जाय।
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