आचार्य श्रीराम शर्मा >> घरेलू चिकित्सा घरेलू चिकित्साश्रीराम शर्मा आचार्य
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भारतीय घरेलू नुस्खे
तिल्ली बढ़ने पर
(१) बड़ी हरड, सेंधा नमक और पीपल का चूर्ण पुराने गुड़ के साथ खावें।
(२) आक के पीले पत्ते, सेंहुंड, सहजना की छाल, पाँचों नमक पाव भर, पीपल, सोंठ, अजवाइन, नौसादर, चित्रक लोंग, कूठ एक-एक तोला इन्हें मिट्टी के बरतन में बंद करके भली प्रकार कपड मिट्टी कर दें और एक प्रहर तक कंडों की आग में लगा रहने दें। ठंढा हो जाने पर भस्म को पीस लें। १ माशा गरम पानी के साथ लें।
(३) सरफोंका की जड़ और चीते की जड़ का चूर्ण २ माशा, नमक जीरा मिले हुए मटठे के साथ सेवन करें।
(४) राई, जवाखार, भुनी हुई हींग, सोंठ, जीरा, कूठ, पीपल, चीता, सेमल के फूल, चव्य, पीपरामूल, हरड इन्हें पीसकर बिजौरा नीबू के रस में खरल करें और मटर के बराबर गोली बना लें। एक गोली नित्य गरम पानी के साथ लें।
(५) मूली का खार, बेगन का खार, जवाखार, सज्जीखार और नौसादर-इन्हें पीसकर रख लें। इसमें से १ माशा मूली के रस या नीबू के रस के साथ सेवन करें।
(६) हरड़ बहेड़ा, आंवला, सोंठ,काली मिर्च,पीपल,सहजन की छाल, दारुहल्दी, कुटकी,गिलोय, पुनर्नवा - इनका क्वाथ बनाकर पीवें।
(७) दो अंजीर जामुन के सिरके में डुबाकर प्रातःकाल नित्य खावें।
(८) आधा माशा नौसादर गरम पानी के साथ सवेरे लें।
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