आचार्य श्रीराम शर्मा >> बोलती दीवारें (सद्वाक्य-संग्रह) बोलती दीवारें (सद्वाक्य-संग्रह)श्रीराम शर्मा आचार्य
|
0 5 पाठक हैं |
सद् वाक्यों का अनुपम संग्रह
व्यक्ति, परिवार एवं समाज निर्माण संबंधी सद् वाक्य
क - घ
- कलियुग का बुरा समय केवल उन्हें प्रभावित करता है, जो अपनी सुरक्षा में सतर्क नहीं रहते।
- कायर केवल नीति की बातें करते हैं, बहादुर उसकी रक्षा के लिए मर-मिटते हैं।
- किसी को कुछ देने की इच्छा हो, तो आत्म-विश्वास जगाने वाला प्रोत्साहन सर्वोत्तम उपहार के रूप में दें।
- किसी सदुद्देश्य के लिए जीवन भर कठिनाइयों से जूझते रहना ही महापुरुष होना है।
- किसी सदुद्देश्य के लिए जीवन भर कठिनाइयों से जूझते रहना ही महापुरुष होना है।
- किसी समाज, देश या व्यक्ति का गौरव अन्याय के विरुद्ध लड़ने में ही परखा जा सकता है।
- कुकर्मी से बढ़कर अभागा कोई नहीं, क्योंकि विपत्ति में उसका कोई साथी नहीं होता।
- क्या पता कि जिस क्षण को हम व्यर्थ समझकर बर्बाद कर रहे हैं, वह ही हमारे लिए अपनी झोली में सुन्दर सौभाग्य की सफलता लाया हो।
- क्रान्तियाँ तलवारों से नहीं, आदर्शों से होती हैं। जो मात्र तलवार से पायी जाती है, वह तलवार से छिन भी जाती है।
- क्रोध स्वास्थ्य और शान्ति का शत्रु है।
- गृहस्थ एक तपोवन है, जिसमें संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book